फीचर्डभ्रष्टाचार

अब राजधानी में फर्जी दस्तावेज बनाकर हाइकोर्ट के जस्टिस की जमीन बेच दी

रांची दर्पण रिपोर्टर। राजधानी रांची के प्रायः सभी अंचलों में जमीनी भ्रष्टाचार चरम शिखर पर है। इसका एक बड़ा कारण जिम्मेवार वरीय अफसर त्वरित कार्रवाई के बजाय उलझाने वाली लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं। इससे फर्जीवाड़ा से जुड़े धंधेबाजों का मनोबल बढ़ता ही जा रहा है।

अब फर्जी दस्तावेज के आधार पर हाइकोर्ट के एक जस्टिस और उनके भतीजे के हिस्से की जमीन को बेच देने का एक ताजा मामला प्रकाश में आया है। नॉर्थ मार्केट निवासी जस्टिस के भतीजा अनिल कुमार नाथ की शिकायत पर लालपुर थाना में छह लोगों पर केस दर्ज किया गया है। जिसमें सुभाष भंडारी, षष्टी भंडारी, अशोक विश्वकर्मा, रिपुंजय प्रसाद सिंह, राजीव चौधरी और राजेंद्र प्रसाद को आरोपी बनाया गया है।

शिकायतकर्ता के अनुसार उनके पूर्वज गोरखनाथ के नाम पर लालपुर में 66 कट्ठा जमीन (खाता- 136, प्लॉट नंबर 1256) है। वह अपने हिस्से की 22 कट्ठा जमीन जगेश्वर नाथ शांति पाठक को वर्ष 1996 में बेच चुके हैं। बाकी जमीन चाचा (जस्टिस) के हिस्से की है। जमीन को प्राथमिकी के नामजद लोगों ने आपस में एकमत होकर षडयंत्र के तहत जाली दस्तावेज बनाकर खरीद बिक्री की है। क्योंकि जमीन से संबंधित रेंट तय करने से संबंधित पेपर बीडीओ कोर्ट का दिखलाया गया है।

शिकायतकर्ता के अनुसार कागजात देखने से स्पष्ट होता है कि वह जाली है। क्योंकि रांची में कभी बीडीओ कोर्ट नहीं था। मजिस्ट्रेट के द्वारा भी पूर्व में रेंट फिक्सशेशन से संबंधित मामले की जांच रांची डीसी से करायी गयी थी। इसमें उप समाहर्ता द्वारा न्यायालय में रिपोर्ट समर्पित कर दस्तावेज को फर्जी बताया गया है। आरोपी पक्ष के सुभाष भंडारी और षष्टी भंडारी पश्चिम बंगाल पुरुलिया के रहनेवाले हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.