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चेन्नई में झारक्राफ्ट हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट एक्सपो शुरु, बोले सचिव- झारखंड हस्तशिल्पियों का गढ़

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Jharcraft Handloom and Handicraft Expo starts in Chennai, Secretary said- Jharkhand is the stronghold of handicraft artisans

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड हस्तशिल्पियों का गढ़ है और वहां की समृद्ध संस्कृति की विरासत और कलाकारों को एक मुकाम मिले, उसके लिए  झारक्राफ्ट  प्रयास कर रहा है। उक्त बातें झारखंड विभाग में उद्योग विभाग के सचिव जितेन्द्र कुमार सिंह चेन्नई के वलुवरकर हाई रोड,  नुंबक्कम स्थित मदर टेरेसा विमेंस कॉम्प्लेक्स में झारक्राफ्ट हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट एक्सपो के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

14-16 सितंबर 2024 तक चलने वाले इस एक्सपो में झारखंड की हस्तशिल्प और कलाकृतियों से जुड़े स्टॉल लगाए गए हैं साथ ही उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु की हस्तशिल्प और कला संस्कृति से जुड़े स्टॉल लगाए गए हैं।

उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव जितेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि झारक्राफ्ट झारखंड सरकार का इंडस्ट्री पार्टनर है। हमारा उद्देश्य है कि झारक्राफ्ट के प्रोडक्ट को नई पहचान मिले और इसी कड़ी को जोड़ने के लिए चेन्नई में हम दूसरी बार एक्सपो का आयोजन कर रहे हैं। झारखंड में तसर सिल्क और डोकरा आर्ट  विख्यात है। जब झारखंड बिहार से अलग हुआ था तो उद्देश्य था कि झारखंड के उत्पादों को एक पहचान मिले। इसके लिए एक प्लेटफार्म की जरूरत महसूस की गई ताकि झारखंड के हुनर को एक पहचान मिल सके।

उन्होंने कहा कि झारक्राफ्ट के माध्यम से हम ऐसा ही एक मंच वहां की संस्कृति और आदिवासी परंपराओं से जुड़े प्रोडक्ट की ब्रांडिंग करने के साथ साथ उसके लिए बाजार उपलब्ध कराते रहे हैं। कई प्रदेश में इसी प्रकार के एक्सपो के माध्यम से झारक्राफ्ट के उत्पादों को एक मंच देने का प्रयास किया गया है। बेशक भागलपुर में सिल्क के कपड़े बनते हों लेकिन झारखंड 75 फीसदी सिल्क का उत्पादन करता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारक्राफ्ट की प्रबंध निदेशक कीर्ति श्री जी ने कहा कि हमें खुशी हो रही है कि चेन्नई में झारक्राफ्ट का एक्सपो लग रहा है। 2006 में झारक्राफ्ट का गठन हुआ था। गठन के साथ राज्य के हुनर को एक मंच देने की चुनौती थी। आदिवासियों की परंपराओं को जीवन में उकेरा जा सके इसके प्रयास शुरू हुए और आज झारक्राफ्ट के प्रोडक्ट ग्लोबल मार्केट का हिस्सा बन चुके हैं। हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट से राज्य की बड़ी महिलाओं की आबादी जुड़ी हुई है।

उन्होंने कहा कि एक्सपो में  चेन्नई  के लोग झारखंड की हस्तकला को जान सकेंगे और उसकी उच्च गुणवत्ता के साथ साथ झारखंड की संस्कृति  से परिचित हो सकेंगे।

हस्तशिल्प और कला संस्कृति से जुड़े इनके लगे स्टालः झारक्राफ्ट रांची, केंदुआ PWCS महगांवा, चमन एसएचजी गोड्डा, जियाजोरी एसएचजी गोड्डा, बरकट्ठी PWCS रामगढ़, पोखरीकलां PWCS लातेहार, ग्रामीण युवा बुनकर एसएचजी गोड्डा, युवा ग्रामीण विकास एसएचजी भगैय्या, सपना सिल्क झारखंड, युवा ग्रामीण विकास एसएचजी मानिकपुर, ढोकरा झारखंड, सुखदेव महली सरायकेला, ओम क्रिएशन झारखंड, मो इरफान आलम रांची, मेघनाथ महतो खरसांवा, सिकनी PWCS रामगढ़, नरेश कुमार विश्वकर्मा बोकारो, अपरकोणकी चमेली एसएचजी रांची, CEDAR दुमका, झारखंड राज्य खरी एवं विकास बोर्ड, सजवा देवी हजारीबाग, ADIVA( Living with Tradition) झारखंड, शशिकांत बोकारो, लाह हस्तशिल्प स्वावलंबी सहकारी समिति रांची, ट्राइब्स इंडिया, पर्यटन विभाग झारखंड सरकार।

हस्तशिल्प और कला संस्कृति से जुड़े अन्य प्रदेश के स्टालः श्री शिवप्पया टेक्सटाइल्स, अरोमा एसएचजी पश्चिम बंगाल, कॉटन दुर्राई उत्तरप्रदेश, पंजाब कुर्ती सेट उत्तरप्रदेश, किडिंस चेन्नई, जयपुर ज्वेलरी राजस्थान, छत्तीसगढ़ तसर पार्टी सिल्क।

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