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बालू माफियाओं की कृपाः यूं बहा कांची नदी का बामलाडीह पुल

रांची दर्पण डेस्क। तमाड़-सोनाहातू पथ पर कांची नदी के ऊपर बामलाडीह घाट के पुल के दो स्लैब बह गए हैं।

इस पुल के टूटने से तमाड़ और सोनाहातू प्रखंड के बीच का सीधा संपर्क टूट गया। जिससे दोनों प्रखंडों के हजारों लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि इस पुल का निर्माण साल 2011-12 में किया गया था। जिसमें लगभग छह करोड़ की लागत आई थी। साल 2014 में पुल में आवागमन शुरू हुआ था, लेकिन सात साल बाद ही पुल ध्वस्त हो गया।

स्थानीय लोगों के मुताबिक अत्यधिक बालू के अवैध उत्खनन के कारण पुल क्षतिग्रस्त हुआ। बालू माफिया धड़ल्ले से अवैध उत्खनन कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

इधर, अब सोनाहातू से तमाड़ या तमाड़ से सोनाहातू जाने के लिए बुंडू होकर आना पड़ेगा, जो काफी लंबा है। फिलहाल प्रखंड प्रशासन की ओर से तत्काल आवागमन को बंद करा दिया है।

पुल का एक पिलर भी टेढ़ा हो गया है, जो कभी भी गिर सकता है। अगर प्रशासन इस तरीके से अवैध बालू के उठाव पर सख्ती से रोक लागता तो पुल ध्वस्त नहीं होता।

बीते शनिवार से ही जारी भारी बारिश से नदी का तेज बहाव स्लैब से टकरा रहा था। इस कारण पूल के दो स्लैब गिर गए और एक गिरने वाला है। 17 स्पैन वाले इस उच्च स्तरीय पुल में 3 स्लैब गिर चुके हैं। एक टेढ़ा होकर गिरने की स्थिति में है।

आशंका है कि कभी भी पूरा पुल ध्वस्त हो सकता है। जिसके निर्माण में गड़बड़ी हुई है। निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। जिसका ये परिणाम है।

इसके अलावे पुल धंसने की दूसरी बड़ी वजह घाट से बालू का अत्यधिक उत्खनन है। लेकिन इस ओर भी प्रशासन का ध्यान नही हैं। बालू माफियाओं द्वारा यहां धड्ड़ले से बालू का अवैध उत्खनन जारी है।

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