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चुटूपालू घाटी: पहाड़ों समेत कर्क रेखा का यूं अस्तित्व मिटा रहे हैं पेड़-पत्थर माफिया

Chutupalu Valley: Tree and stone mafia is destroying the existence of Tropic of Cancer along with mountains
Chutupalu Valley: Tree and stone mafia is destroying the existence of Tropic of Cancer along with mountains

रांची दर्पण, 26 सितंबर 2024: झारखंड के रांची जिले के ओरमांझी अंचल अंतर्गत चुटूपालू घाटी में एक गंभीर पर्यावरणीय संकट उत्पन्न हो गया है। जहां कभी 150 फीट ऊंचे पहाड़ खड़े थे, अब वहीं गहरे गड्ढे बन चुके हैं। अवैध पत्थर खनन के चलते यह घाटी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है।

स्थानीय लोगों की मानें तो यहां खनन के लिए कुछ पट्टे दिए गए हैं, लेकिन इन पट्टों के आड़ में बेतरतीब अवैध खनन का काम धड़ल्ले से जारी है। पहाड़ों के स्थान पर अब पानी से भरे गड्ढे हैं, जो पर्यावरण के लिए खतरे की घंटी बजा रहे हैं। अवैध क्रशरों से उड़ती धूल ने सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि को बंजर बना दिया है, जिससे स्थानीय किसानों की आजीविका पर संकट आ गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में अवैध खनन के कारण जलस्तर में भी लगातार गिरावट आ रही है। चुटूपालू घाटी में स्थित अमर शहीद टिकैत उमराव सिंह का शहादत स्थल भी इस अवैध गतिविधियों के कारण खतरे में है। विस्फोट के कारण क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां बढ़ गई हैं, जिससे ग्रामीणों के घरों में दरारें आ रही हैं और छतों पर पत्थर के टुकड़े गिर रहे हैं।

स्थानीय निवासी बताते हैं कि पहले इस क्षेत्र में रंग-बिरंगे पक्षी चहकते थे, लेकिन अब उनका अस्तित्व भी संकट में है। क्रशरों के पास उड़ने वाली धूल ने जंगलों की हरियाली को भी छीन लिया है। जब जमीन मालिक इस अवैध खनन का विरोध करते हैं तो उन्हें धमकाया जाता है या पैसे देकर चुप कराया जाता है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार चुटूपालू घाटी में पत्थर लघु खनिज के 17 खनन पट्टे स्वीकृत हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि यहां दर्जनों अवैध खदानें और क्रशर संचालित हो रहे हैं। टास्क फोर्स द्वारा की गई कुछ कार्रवाईयों का असर अल्पकालिक होता है, और फिर वही स्थिति पुनः लौट आती है।

हालांकि स्थानीय लोग अब जागरूक हो रहे हैं और इस अवैध गतिविधि के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यह घाटी न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता खोएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक गंभीर संकट का सामना करेगी।

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