राँची (राँची दर्पण)। झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगूल बज गया है। राज्यपाल की सहमति की सहमति के बाद पंचायती राज विभाग के सचिव राहुल शर्मा के हस्ताक्षर से चुनाव कराने की अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
राज्य में चार चरणों में 14, 19, 24 मई और 27 मई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होंगे। इसके तहत राज्य की जनता अब पंचायत निकायों के ग्राम पंचायत सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य का चुनाव कर सकेगी।
पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद ही आदर्श आचार चुनाव संहिता लागू हो गयी है। हालांकि नगरपालिका क्षेत्र और कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र में यह प्रभावी नहीं होगा। वहीं चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से कराने के लिए भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की जायेगी।
राज्य में 53 हजार 4 सौ अस्सी मतदान केंद्र बनाये गये हैं। 22 हजार नौ सौ एकसठ संवेदनशील तथा 17 हजार एक सौ एकसठ अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र हैं। डीके तिवारी ने बताया कि इस चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण की सुविधा नहीं मिलेगी। चुनाव 24 जिलों के 262 प्रखंडों की 4345 ग्राम पंचायतों में होंगे।एक करोड़ 96 लाख 16 हजार पांच सौ चार मतदाता 53 हजार 4 सौ नवासी जनप्रतिनिधियों को चुनेंगे।
2020 से अटका पड़ा था चुनावः गौरतलब है कि राज्य में त्रि स्तरीय पंचायती व्यवस्था का कार्यकाल दिसंबर 2020 तक था। इसके बाद राज्य सरकार के विशेष प्रावधानों के चलते राज्यभर में 4000 से अधिक पंचायतों और पंचायत समिति, जिला परिषदों में कार्यकारी समितियों के जरिये व्यवस्था का संचालन हो रहा था।
राज्य में पहली बार राज्य गठन के दस वर्षों के बाद पहली बार 2010 में चुनाव हुए थे। इसके बाद 2015 में पंचायत चुनाव हुए थे। 2020 में यह चुनाव संभावित था पर कोरोना महामारी और अन्य संकट के कारण चुनाव संभव नहीं हो पा रहा था।
इतने पदों के लिये होंगे चुनावः प्रथम चरण में 72 प्रखंडों में 1127 ग्राम पंचायतों, 72 प्रखंडों में 14 मई को चुनाव होंगे। दूसरे चरण में 50 प्रखंडों में 872 पंचायतों में चुनाव 19 मई को कराये जायेंगे। 24 मई को 70 प्रखंडों में 1047 पंचायतों में चुनाव कराया जाना है। अंतिम चरण में 27 मई को शेष 72 प्रखंडों और 1299 पंचायतों में चुनाव कराने का टारगेट है।
कुल 4345 ग्राम पंचायतों में इतने ही मुखिया, ग्राम पंचायत के 53479 प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र (वार्ड सदस्य), 5341 पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद के 536 पदों के लिये चुनाव कराये जाने हैं।
दूसरे चरण के बाद ही मतगणनाः पंचायत चुनाव के दौरान राज्य के जिलों को दो से लेकर चार चरणों में बांट कर निर्वाचन कराया जाना है। इसमें प्रखंडों को इकाई माना गया है। पहले एवं दूसरे चरण के मतदान की समाप्ति के बाद ही चरणवार मतगणना का कार्य होगा। तीसरे एवं चौथे चरण की मतगणना चौथे चरण के मतदान की समाप्ति के बाद एक साथ करायी जायेगी।
अलग-अलग चरणों के लिए ऐसे हैं कार्यक्रमः पहले चरण में होनेवाले चुनाव (14 मई) के लिए प्रपत्र 5 में निर्वाचन की सूचना 16 अप्रैल को प्रकाशित कर दी जायेगी। 23 अप्रैल तक इसके लिए फॉर्म जमा होंगे। 25 और 26 अप्रैल को इसकी समीक्षा आयोग करेगा। नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 27 और 28 अप्रैल तक रहेगी। निर्वाचन प्रतीक (चुनाव चिह्न) 29 अप्रैल को कैंडिडेट के लिए जारी होंगे। इसके लिए मतगणना 17 मई को होगी।
19 मई को होनेवाले चुनाव के लिए प्रपत्र 5 में निर्वाचन की सूचना 20 अप्रैल को जारी होगी। 23 अप्रैल तक आवेदन जमा होंगे। 2 मई को नामांकन वापस लिया जा सकेगा। इसके लिए 4 मई को निर्वाचन प्रतीक आवंटित होंगे। 22 मई को मतगणना होगी।
24 मई को होनेवाले चुनाव के लिए नामांकन के लिए 2 मई को सूचना जारी होगी। 6 और 7 मई तक नाम वापस लिये जा सकेंगे। 9 मई को चुनाव चिन्ह का आवंटन होगा। 31 मई को मतगणना होगी।
27 मई को होनेवाले चुनाव के लिये 6 मई को सूचना जारी होनी है। 10 और 11 मई को नाम वापस लिये जा सकेंगे। 12 मई को चुनाव चिह्न का आवंटन होगा। 31 मई को मतगणना का डेट तय है।
30 हजार से अधिक संवेदनशील मतदान केंद्रः 24 जिलों में 33627 मतदान भवन बनाये गये हैं। कुल मतदान केंद्रों की संख्या 53480 है। इनमें 12821 सामान्य श्रेणी के हैं। 22961 संवेदनशील केंद्र हैं जबकि 17698 अति संवेदनशील केंद्र हैं। कुल 30 हजार से अधिक संवेदनशील मतदान केंद्र हैं। 38 चलंत मतदान केंद्र भी रहेंगे।
चुनाव के दौरान सभी जिलों के मतदान केंद्रों में मतपेटिकाओं का उपयोग होना है। प्रति मतदान केंद्र 2 बड़ी या 1 बड़ी और 2 मध्यम आकार की मतपेटिका का उपयोग होगा। कुल 98081 बड़ी मतपेटिकाएं होंगी। मध्यम आकार की 39928 मतपेटिकाओं का इंतजाम किया गया है।
अभ्यर्थियों के व्यय की सीमाः निर्वाचन आयोग के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत के लिए चुनाव के दौरान अभ्यर्थियों के लिए चुनाव के दौरान व्यय की सीमा निर्धारित है। ग्राम पंचायत के सदस्य (वार्ड) के लिए 14 हजार, मुखिया के लिए 85 हजार, पंचायत समिति सदस्य के लिए 71 हजार और जिला परिषद के लिए 2 लाख 14 हजार रुपये तय हैं। व्यय की स्थिति पर आयोग की नजर रहेगी। उड़न दस्ता, स्थैतिक निगरानी दलों का गठन किया जायेगा। आयकर विभाग आदि के अन्वेषण निदेशालयों की सहभागिता भी चुनाव के दौरान रहेगी।