ओरमांझी में 11000 वोल्ट की चपेट से राख हुआ बिजली मिस्त्री

An electrician was reduced to ashes by 11000 volt current in Anandi of Ormanjhi
An electrician was reduced to ashes by 11000 volt current in Anandi of Ormanjhi

ओरमांझी (नालंदा दर्पण) रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड के आनंदी गांव में सोमवार सुबह एक हृदय विदारक घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। बिजली के खंभे की मरम्मत के दौरान 32 वर्षीय बिजली मिस्त्री उमेश कुशवाह की 11000 वोल्ट के करंट की चपेट में आने से मौके पर ही मृत्यु हो गई।

इस घटना ने न केवल एक परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया, बल्कि बिजली विभाग की कार्यप्रणाली और सुरक्षा मानकों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सुबह करीब 8:30 बजे स्थानीय बिजली विभाग के लिए ठेके पर काम करने वालं उमेश कुशवाहा आनंदी गांव में एक क्षतिग्रस्त बिजली के खंभे की मरम्मत के लिए पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उमेश खंभे पर चढ़कर तारों की मरम्मत कर रहे थे, तभी अचानक बिजली आपूर्ति शुरू हो गई। उच्च वोल्टेज के करंट की चपेट में आने से उमेश की तत्काल मृत्यु हो गई। उनकी मृत देह खंभे पर ही लटक गई। जिसे देखकर आसपास के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।

स्थानीय निवासी रमेश महतो ने बताया कि उमेश को पहले से सूचना दी गई थी कि लाइन बंद है। लेकिन अचानक बिजली चालू होने से यह हादसा हुआ। यह बिजली विभाग की घोर लापरवाही है। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर जमकर हंगामा किया और बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी की।

ग्रामीणों और मृतक के परिजनों ने बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि उमेश को बिना उचित सुरक्षा उपकरणों के और बिना लाइन बंद किए पक्की सूचना के खंभे पर चढ़ने का निर्देश दिया गया।

उमेश की पत्नी रीता देवी, ने रोते हुए कहा कि मेरे पति को बचाया जा सकता था। अगर विभाग ने समय पर बिजली काट दी होती। अब मेरे बच्चों का क्या होगा?

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस प्रशासन और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। कार्यपालक अभियंता (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर) ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा, आजीवन पेंशन और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया। हालांकि ग्रामीणों का आक्रोश कम नहीं हुआ और उन्होंने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।

बहरहाल, यह घटना बिजली विभाग में सुरक्षा मानकों की अनदेखी का एक और उदाहरण है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को अक्सर बिना उचित प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरणों के खतरनाक परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।

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