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गजब श्राप: झारखंड में जो भी बना ‘दारु मंत्री’, वह हार गया चुनाव!

Amazing curse Whoever became the 'Liquor Minister' in Jharkhand, lost the election!
Amazing curse Whoever became the 'Liquor Minister' in Jharkhand, lost the election!

रांची दर्पण डेस्क। झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य में एक दिलचस्प और चौंकाने वाला संयोग सामने आया है। प्रदेश में जो भी विधायक उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग (दारु विभाग) का मंत्री बना, उसे अगले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। हाल ही के चुनावों में इस ‘विभागीय श्राप’ का असर एक बार फिर देखने को मिला, जब इस विभाग से जुड़े सभी मंत्री अपनी-अपनी सीटों पर हार गए।

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद बनी हेमंत सोरेन की सरकार में तीन अलग-अलग विधायकों को उत्पाद मंत्री का पद सौंपा गया था और दुर्भाग्यवश तीनों ही मंत्री चुनाव हार गए। सबसे पहले स्वर्गीय जगरनाथ महतो को यह विभाग सौंपा गया था। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी को यह जिम्मेदारी दी गई, परन्तु वह भी इस चुनाव में अपनी सीट नहीं बचा सकीं।

इसके बाद मिथिलेश ठाकुर और बैद्यनाथ राम ने भी इस विभाग की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन इन दोनों नेताओं को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। मिथिलेश ठाकुर को जहां उनके ही गढ़ में झटका लगा। वहीं बैद्यनाथ राम को भी जनता ने निराश किया।

इस चुनावी चौंकाने वाले परिणाम ने झारखंड की राजनीति में उत्पाद मंत्री बनने को लेकर एक नया और दिलचस्प पहलू जोड़ दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस विभाग से जुड़े मंत्रियों पर किसी प्रकार का ‘चुनावी श्राप’ है, जो उनकी हार का कारण बनता है।

इतना ही नहीं पूर्व के चुनावों में भी ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं, जहां इस विभाग के मंत्री रहे प्रत्याशी चुनाव हार गए। जय प्रकाश पटेल, कमलेश सिंह और राजा पीटर जैसे पूर्व उत्पाद मंत्री भी इस चुनावी संयोग से नहीं बच पाए। ये तीनों नेता भी अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव हार गए।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी इस सूची में शामिल हैं। जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने उत्पाद मंत्रालय अपने पास रखा था और अगले चुनाव में उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा।

इस तरह झारखंड में ‘दारु मंत्री’ बनने का एक अजीबो-गरीब संयोग सामने आया है। जो भी इस विभाग का जिम्मा लेता है, चुनाव में हार का मुंह देखता है। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में कोई विधायक इस ‘चुनावी श्राप’ से बच पाता है या नहीं!

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