
रांची, 22 अक्टूबर 2025 ( रांची दर्पण डेस्क)। राजधानी रांची के कांके रोड पर स्थित सेफ चौपाटी रेस्टोरेंट के मालिक विजय कुमार नाग की उनके ही रेस्टोरेंट में गोली मारकर की गई सनसनीखेज हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इस हत्याकांड के पीछे न सिर्फ जमीन विवाद की पुरानी रंजिश छिपी है, बल्कि एक छोटी-सी बात जैसे वेज बिरयानी में चिकन की हड्डी मिलने से उपजा विवाद भी वजह बन सकता है।
रांची पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी अभिषेक सिंह, निलंबित सिपाही हरेंद्र सिंह, अमित ठाकुर और प्रशांत कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से हथियारों का पूरा जखीरा बरामद हुआ है, जिसमें एक राइफल, तीन पिस्टल, एक कट्टा, 23 कारतूस, तीन मैगजीन, छह खोखे, चार मिसफायर कारतूस और दो कारें शामिल हैं। यह जानकारी ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी, जिसने पूरे शहर में हलचल मचा दी है।
घटना की शुरुआत रविवार को हुई, जब विजय कुमार नाग को उनके रेस्टोरेंट में ही गोली मार दी गई। पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या का मुख्य आरोपी अभिषेक सिंह था, जो पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश में घायल हो गया। अभिषेक को पैर में दो गोलियां लगीं और फिलहाल उसका इलाज रांची के रिम्स अस्पताल में चल रहा है।
एसपी पुष्कर ने बताया कि हरेंद्र सिंह एक निलंबित सिपाही है। उसने ही अभिषेक को हथियार उपलब्ध कराए थे। हरेंद्र का रेस्टोरेंट के पीछे स्थित एक एकड़ जमीन को लेकर विजय कुमार नाग से पुराना विवाद चल रहा था, जो इस हत्याकांड की एक प्रमुख वजह हो सकती है। हालांकि, आरोपियों ने पूछताछ में यह भी बताया कि वेज बिरयानी में चिकन की छोटी हड्डी मिलने से उपजा झगड़ा भी हत्या का कारण बन सकता है।
पुलिस की जांच की शुरुआत उत्कर्ष राज के आवेदन से हुई, जिसके आधार पर कांके थाने में अभिषेक सिंह, अमित ठाकुर, प्रशांत कुमार सिंह और हरेंद्र सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। सबसे पहले प्रशांत कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में प्रशांत ने घटना में अभिषेक और अन्य आरोपियों की संलिप्तता का खुलासा किया।
एसपी ने कहा कि प्रशांत की गिरफ्तारी से मामले की परतें खुलनी शुरू हुईं। हमने पाया कि सभी आरोपी एक-दूसरे के सहयोगी हैं और इस हत्याकांड को अंजाम देने में उन्होंने मिलकर काम किया। अनुसंधान के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि हत्या के बाद हरेंद्र सिंह कांके क्षेत्र से भागने की फिराक में था।
इस आधार पर पिठोरिया थाना प्रभारी ने पतरातू घाटी में एंटी-क्राइम चेकिंग शुरू की। इसी दौरान एक इनोवा कार को रोका गया, जिसमें दो व्यक्ति सवार थे। तलाशी लेने पर हरेंद्र सिंह के पास से एक कट्टा और तीन कारतूस बरामद हुए। उसके बैग से दो लाख चार हजार पांच सौ रुपये नकद और दो मोबाइल फोन भी मिले। पुलिस ने तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया।
हरेंद्र की निशानदेही पर पुलिस ने उसके ब्रह्मचारी नगर स्थित आवास पर छापेमारी की, जहां से दो पिस्टल, तीन मैगजीन और एक राइफल बरामद की गई। एसपी पुष्कर ने जोर देकर कहा कि इन हथियारों का कोई वैध लाइसेंस नहीं था, इसलिए इन्हें जब्त कर लिया गया है। हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या जमीन विवाद ही इस हत्याकांड की एकमात्र वजह था या इसमें और भी गहरे राज छिपे हैं। पुलिस ने कुल मिलाकर दो कारें भी बरामद कीं। जिनमें से एक इनोवा थी, जो भागने में इस्तेमाल की जा रही थी।
यह हत्याकांड रांची में बढ़ते अपराध और हथियारों की अवैध जमीन कारोबार की समस्या को उजागर करता है। एक साधारण रेस्टोरेंट विवाद से शुरू होकर यह मामला निलंबित पुलिसकर्मी की संलिप्तता तक पहुंच गया, जो सिस्टम की कमजोरियों पर सवाल उठाता है। पुलिस जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है।







