Home आस-पास मेसरा BIT इंजीनियरिंग कॉलेज में सुरक्षा प्रहरी की मौत पर बवाल जारी

मेसरा BIT इंजीनियरिंग कॉलेज में सुरक्षा प्रहरी की मौत पर बवाल जारी

मेसरा (रांची दर्पण संवाददाता)। झारखंड की राजधानी रांची के प्रतिष्ठित बीआईटी (BIT) मेसरा इंजीनियरिंग कॉलेज में एक सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी के दौरान अचानक हुई मौत ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। नया टोली के निवासी विस्थापित मजदूर योगु महतो (उम्र 45 वर्ष) की 4 अक्टूबर को कॉलेज परिसर में ही रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई।

परिवार और ग्रामीणों का गुस्सा इस कदर भड़क गया कि सुबह 10 बजे से ही वे पार्थिव शरीर के साथ कॉलेज गेट को जाम कर बैठे हैं। 9 घंटे से ज्यादा समय से चला आंदोलन अब भी जारी है, जिससे दुर्गा पूजा की छुट्टियों से लौट रहे छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई छात्र घर लौटने को मजबूर हो गए हैं, जबकि प्रबंधन की चुप्पी ने मामले को और जटिल बना दिया है।

परिजनों का है कि योगु महतो बीते कई वर्षों से बीआईटी मेसरा में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में सेवा दे रहे थे।  वे नया टोली के एक साधारण विस्थापित परिवार से ताल्लुक रखते थे, जहां मजदूरी और छोटे-मोटे कामों से गुजारा चलता था। 4 अक्टूबर की शाम को ड्यूटी पर तैनात होने के दौरान ही उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई।

सहकर्मियों ने तुरंत उन्हें कॉलेज के मेडिकल सेंटर ले गए, लेकिन वहां डॉक्टरों की कमी के चलते उन्हें रांची के एक निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई। मौत का स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आया है। परिवार का आरोप है कि प्रबंधन ने बिना किसी उचित मुआवजे या जांच की बात किए शव को घर पहुँचा दिया ।

परिवार में दो नाबालिग बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता हैं, जो अब बिना कमाने वाले मुखिया के भटकाव की कगार पर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि योगु जैसे हजारों विस्थापित मजदूर झारखंड के शहरी संस्थानों में बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के काम करते हैं और ऐसी घटनाएँ उनकी जिंदगियों को दांव पर लगा देती हैं।

आंदोलन को नेतृत्व दे रहे जेएलकेएम (झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा) के केंद्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र महतो ने मौके पर मीडिया से बातचीत में कहा कि यह घटना झारखंड के मूल निवासियों और विस्थापित मजदूरों की वास्तविक स्थिति को उजागर करती है। बीआईटी मेसरा जैसे बड़े संस्थान में सिक्योरिटी गार्ड की मौत पर वीसी (उपकुलपति) और रजिस्ट्रार की चुप्पी शर्मनाक है। हम 9 घंटे से पार्थिव शरीर के साथ गेट पर धरना दे रहे हैं, लेकिन कोई वार्ता के लिए आगे नहीं आया। हम परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और योगु के एक परिजन नौकरी की गारंटी मांग करते हैं।

देवेंद्र महतो के साथ कमलेश राम, संजय महतो समेत सैकड़ों ग्रामीण और स्थानीय संगठनों के कार्यकर्ता आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। जेएलकेएम ने चेतावनी दी है कि अगर कल सुबह तक प्रबंधन ने बात नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

इस बीच, गेट जाम से कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दुर्गा पूजा की छुट्टियों के बाद कैंपस लौटे सैकड़ों छात्र अब फंस गए हैं। एक छात्र ने बताया कि हम ट्रेन से रांची पहुँचे, लेकिन कैंपस तक पहुँच ही नहीं पा रहे। ऑटो-रिक्शा वाले भी मना कर रहे हैं। यह न्याय की लड़ाई है, लेकिन छात्रों को भी भुगता पड़ रहा है।

इधर कॉलेज प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन स्रोतों के अनुसार वीसी डॉ. ए.के. शर्मा ने आंतरिक बैठक बुलाई है। स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुँचकर स्थिति को शांतिपूर्ण रखने का आश्वासन दिया है, लेकिन लोग खबर प्रकाशन तक गेट पर शव के साथ जमे हैं।

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