रांची दर्पण डेस्क। झारखंड की राजधानी रांची में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस के द्वारा बुधवार की रात शहर के ज्यादतर मंदिर और सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई है। सभी थानेदारों को आदेश दिया गया कि वह अपने अपने इलाके में बैरिकेडिंग करने के बाद सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाएं। रात में इधर से आने-जाने वालों लोगों का भी सत्यापन करें।
पुलिस का कहना है कि रात के वक्त कई इलाकों में बैरिकेटिंग की गई है। स्थिति सामान्य हो रही है। पुलिस प्रयास कर रही है कि पहले की तरह हर इलाके में शांति व्यवस्था कायम हो जाए।
शहर के सभी थानों की पुलिस ने पूरी रात गश्त लगाई। सभी थानेदारों की मानेटरिंग डीएसपी के द्वारा की जा रही थी। मंदिरों के पास बैरिकेडिंग होता देख लोगों को लगा कि शहर में फिर कुछ हुआ है।
लेकिन, पुलिस ने एनाउंसमेंट कर लोगों को बताया कि शहर में शांति बनी हुई है। पुलिस के द्वारा सिर्फ एतिहायत बरता जा रहा है। ताकि असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जा सके।
अधिक इंटरनेट इस्तेमाल वाले इलाके की जांच में जुटी पुलिसः रांची पुलिस मेन रोड में बवाल करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि घटना के दिन और उससे पहले किस इलाके में सबसे ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल किया गया था।
ताकि इससे स्पष्ट हो पाए कि उपद्रवी किस इलाके के हैं। कहां से योजना बनी थी। किसके द्वारा शहर को अशांत करने का प्रयास किया गया था। इसके अलावा पुलिस घटना स्थल का काल डंप निकाल रही है।
ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन कौन से मोबाइल धारक घटना के वक्त मौजूद थे। पुलिस हर बिंदू पर गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस का कहना है टेक्निकल सेल की मदद से उपद्रवियों की तलाश कर रही है।
मेन रोड से जुड़ने वाली 13 गलियों पर पत्थर और हथियार लेकर मौजूद थे उपद्रवीः रांची के मेन रोड में बवाल होने की भनक तो रांची पुलिस को लग गई थी लेकिन पुलिस के द्वारा इसकी तैयारी नहीं की गई थी।
पुलिस के वरीय अधिकारियों ने नौ मई की रात समुदाय विशेष के कई लोगों से बातचीत कर उन्हें कहा था कि रांची में अशांति नहीं फैलनी चाहिए। अधिकारियों को आश्वासन भी दिया गया था।
इस वजह से घटना के दिन मस्जिद से सैकड़ों लोग निकले और विरोध प्रर्दशन करने के लिए चर्च काम्पलेक्स के पास एकजुट होकर पुतला दहन किया।
पुतला दहन के दौरान एसएसपी और ग्रामीण एसपी मौजूद थे। पुतला दहन के बाद सभी लोग मस्जिद के पास जमा हुए और फिर अपने अपने घर की ओर निकल गए।
रांची पुलिस की जांच में बड़ा खुलासाः पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि पुतला दहन के बाद सिर्फ 20 से 25 की संख्या में लोग पुलिस से बचते हुए मेन रोड़ की ओर बढ गए।
पुलिस को लगा कि वह भी अपने घर जा रहे हैं। लेकिन उन लोगों के द्वारा पहले से योजना बना ली गई थी। मेन रोड़ से जोड़ने वाली 13 गलियों में उनके कहने पर पहले से हजारों लाग पत्थर और हथियार लेकर मौजूद थे।
उपद्रवी धीरे धीरे गलियों से निकलकर शामिल होते गए और कुछ की मिनटों में मेन रोड का नजारा बदल गया। पत्थरबाजी और गोलियों की आवाज से मेन रोड इलाका थर्रा गया।
सभी गलियों में लगे सीसीटीवी का फुटेज खंगाल रही है पुलिसः पुलिस का कहना है कि जिन गलियों से उपद्रवी मेन रोड़ तक पहुंचे थे उन गलियों में लगे सीसीटीवी का फुटेज खंगाला जा रहा है।
पुलिस को जानकारी मिली है कि एक एप की मदद से ब्लक में लोगों तक विरोध प्रर्दशन करने की सूचना पहुंचाई गई थी। एप किसके द्वारा तैयार किया गया था और किसने सूचना लोगों तक पहुंचाई इसकी जांच चल रही है।
अभी तक के जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि जिनके मोबाइल पर प्रर्दशन करने की सूचना आई, उनमें से ज्यादतर लोगों ने सूचना को आगे नहीं भेजा।
तीन थानों की पुलिस की सुस्ती की वजह से मेन रोड तक पहुंच गए उपद्रवीः पुलिस के वरीय अधिकारियों ने शहर के सभी थानेदारों को आदेश दिया था कि नमाज के वक्त अलर्ट रहें। नमाज के बाद सभी को घर भेजने का काम करें। किसी को मेन रोड तक नहीं आने दें।
लेकिन लोअर बाजार, हिंदपीढ़ी और डेली मार्केट की पुलिस की सुस्ती की वजह से गलियों में उपद्रवी पत्थर और हथियार लेकर मौजूद रहे और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। पुलिस की लापरवाही की वजह से उपद्रवी मेन रोड तक पहुंच गए।
दंगाइयों के पोस्टर पर अधिकारी कुछ भी बोलने से कर रहे हैं परहेजः मेन रोड में बवाल करने वाले उपद्रवियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पोस्टर तो तैयार कर लिया लेकिन बुधवार को किसी इलाके में पोस्टर नहीं लगाया गया। इस मामले में पुलिस का कोई अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है।
एसएसपी ने मंगलवार को कहा था कि पोस्टर में बदलाव किया जाएगा इसके बाद पोस्टर को लगाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर सोशल साइट पर एक पोस्ट जारी हुआ है। इसमें कहा गया है कि रांची पुलिस को जिससे बदला लेना है, वह अलकायदा में शामिल हो सकता है। पुलिस इसकी जांच कर रही है कि किसके द्वारा यह पोस्ट जारी किया गया है।
फिलहाल पुलिस को इस मामले में कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस सोशल साइट पर भड़काऊ वीडियो डालने के मामले में छह लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। इस मामले की गंभीरता से जांच चल रही है।
थानों में पड़ा रह गया हेलमेट और बाडी प्रोटेक्टरः घटना के दिन पुलिस इतनी सुस्त थी कि विरोध प्रर्दशन की सूचना के बाद भी बिना हेलमेट और बाडी प्रोटेक्टर लिए सड़कों पर मौजूद थी। अचानक से भीड़ उग्र हुई तो पुलिस को कुछ समझ में नहीं आया।
जबकि पुलिस लाइन की ओर से जिला के सभी थानों में पहले से हेलमेट और बाडी प्रोटेक्टर दिया हुआ है। मेन रोड में बवाल होने के बाद आनन फानन में पुलिस लाइन से हेलमेट और बाडी प्रोटेक्टर मंगवाया गया।
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