
रांची दर्पण रिपोर्टर। इटकी प्रखंड के तिलकसूती गांव में करोड़ों रुपये की लागत से बनी झारखंड प्रदेश की एक मात्र बीज प्रसंस्करण इकाई उद्घाटन के 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक चालू नहीं हो सकी है। किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत सरकार ने करोड़ों रुपये की लागत से इस इकाई की स्थापना करायी थी।
तत्कालीन राज्यपाल सैयद अहमद ने विधिवत रूप से इसका उद्घाटन भी किया था। परंतु विभागीय लापरवाही और अधिकारियों की उदासीनता से अत्याधुनिक उपकरणों से लैस यह इकाई अब तक शुरू नहीं हो सकी है। भवन चालू होने के पूर्व ही जर्जर होने लगा है और चारों ओर झाड़ियों से घिर चुका है।
इसी वर्ष अप्रैल में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बीज प्रसंस्करण इकाई का निरीक्षण किया था। विभागीय अधिकारियों के साथ मंत्री ने केंद्र की जमीनी हकीकत को जाना। भवन का उपयोग नहीं होने पर मंत्री ने नाराजगी जतायी और अधिकारियों को एक माह के अंदर कागजी प्रक्रिया पूरी कर सिद्धकोफेड द्वारा संचालन का निर्देश दिया था।
प्रगतिशील किसान नंदलाल महतो के अनुसार उद्घाटन के 12 साल गुजर जाने के बाद भी केंद्र का शुरू नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। किसानों को सस्ते दर पर उन्नत बीज मिलने की उम्मीद अब धूमिल हो गयी है।
कुल्ली मुखिया विनय उरांव ने कहा कि झारखंड कृषि बाहुल्य क्षेत्र है और यहां इटकी में राज्य का पहला बीज प्रसंस्करण केंद्र चालू नहीं होने से किसानों को सरकारी दर पर बीज नहीं मिल पाना दुखदायी है। इसका निर्माण वेजफेड से कराया गया था। निर्माण के बाद संचालन की कोई योजना नहीं थी।
इसकी शिकायत कई बार पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने भी की थी। उनकी शिकायत पर कृषि निदेशक ने जांच का आदेश दिया था। जांच के लिए जिला स्तर पर कमेटी बनायी गयी है।










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