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शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति में अनियमितता: सीएम उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों की सीधे पोस्टिंग

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Irregularities in deputation of teachers: Direct posting of teachers in CM Utkrishta Vidyalayas
Irregularities in deputation of teachers: Direct posting of teachers in CM Utkrishta Vidyalayas

रांची दर्पण डेस्क। झारखंड शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति और पदस्थापन की प्रक्रिया में गाइडलाइन्स के उल्लंघन की खबर सामने आई है। हाल ही में रांची जिले में 104 शिक्षकों को विभिन्न विद्यालयों में नियुक्त किया गया, जिनमें से कई शिक्षक अंतर जिला स्थानांतरण के तहत रांची आए थे।

हालांकि, शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है, खासकर जिले के सीएम उत्कृष्ट विद्यालयों में, जहां शिक्षकों की पोस्टिंग सीधे कर दी गई, जबकि वे विभागीय प्रक्रिया का हिस्सा नहीं थे।

शिक्षा विभाग ने पूरे राज्य के शिक्षकों के पदस्थापन और प्रतिनियुक्ति के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया बनाई थी। इस प्रक्रिया के तहत शिक्षकों से आवेदन मांगे गए थे और एक सप्ताह तक झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) में कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जिसमें शिक्षकों का ऑनलाइन टेस्ट लिया गया और उनके मूल्यांकन के आधार पर एक मेरिट लिस्ट तैयार की गई। इस मेरिट लिस्ट के आधार पर शिक्षकों की काउंसलिंग की गई थी और फिर राज्य के 80 सीएम उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी।

लेकिन रांची जिले के सीएम उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों की पोस्टिंग इस प्रक्रिया से अलग करते हुए सीधे कर दी गई। इसके अलावा, कई शिक्षकों को जिला स्कूल, राजकीय बालिका प्लस टू विद्यालय, और टीवीएस प्लस टू हाइस्कूल जगन्नाथपुर जैसे अन्य उत्कृष्ट विद्यालयों में भी नियुक्त किया गया है।

यह स्थिति तब सामने आई जब यह पाया गया कि कुछ शिक्षक, जो अंतर जिला स्थानांतरण के तहत आए थे, उन्हें बिना किसी विभागीय प्रक्रिया में भाग लिए सीधे नियुक्त कर दिया गया।

इस मुद्दे पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट जिले से मांगी जाएगी और आवश्यकतानुसार इसकी जांच भी की जाएगी। इससे यह संकेत मिलता है कि विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है और गाइडलाइन्स के उल्लंघन की स्थिति में उचित कदम उठाए जा सकते हैं।

यह मामला शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियमों के पालन की अनिवार्यता को लेकर उठ रहे सवालों को और बढ़ाता है। ऐसे में अब देखना होगा कि विभाग इस पर क्या कदम उठाता है और शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति में हो रही अनियमितताओं को कैसे सुलझाया जाता है।

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