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उत्पाद सिपाही भर्ती की दौड़, 2 दिन में 4 की मौत, पलामू में 4 दिन में 80 अभ्यर्थी बेहोश

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Excise constable recruitment race, 4 died in 2 days, 80 candidates fainted in 4 days in Palamu

रांची दर्पण डेस्क। सरकारी नौकरी की चाहत पलामू में 4 युवकों की जान ले ली । पलामू में उत्पाद सिपाही की दौड़ में शामिल 4 कैंडिडेट की 2 दिन में मौत हो गई है। सभी दौड़ के दौरान बेहोश होकर गिर गए थे। इनका इलाज चल रहा था इलाज के दौरान मौत हुई। अब तक हुए 80 गए हैं। बीते दिन एक कैंडिडेट अमरेश कुमार (19 ) की मौत हो गई थी।

डॉक्टर का कहना है कि कार्डियक अरेस्ट से उसकी मौत हुई। वहीं 3 युवाओं ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। इधर दौड़ में शामिल अभ्यर्थियों ने इसके लिए हवाई अड्डा मैदान के जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि गर्मी के मौसम में उन्हें अलकतरा वाली पट्टी पर दौड़ाया जा रहा है। अगर मिट्टी के मैदान में दौड़ाया जाता तो यह स्थिति नहीं होती।

दौड़ने के दौरान बेहोश हो गए युवाओं के बेहतर इलाज की व्यवस्था भी नहीं है। लड़कों को एक घंटे में 10 लोमीटर दौड़ना है, वहीं लड़कियों को 40 मिनट में 5 किलोमीटर दौड़ना है। झारखंड में तकरीबन 44 साल बाद उत्पाद सिपाही के पद के लिए भर्तियां शुरू की है। विभाग में सिपाही पद के लिए योग्यता केवल 10वीं पास है, लेकिन यह नौकरी हासिल करने के लिए मास्टर डिग्रीधारी युवा भी दौड़ में शामिल हैं।

जेएसएससी एक्साइज कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 के माध्यम से उत्पाद सिपाही के 583 पदों पर भर्ती हो रही है। बिहार के गया जिले के बड़ेला थाना का रहने वाला 19 साल का अमरेश उत्पाद सिपाही की नियुक्ति की दौड़ में शामिल हुआ था। दौड़ने के दौरान वह बेहोश होकर गिरा तो उसकी सांस ही उखड़ गई।

अमरेश के मौत के साथ ही उसके परिवार के कई सपने भी टूट गए। उसके घर वाले बताते हैं कि चार भाइयों में सबसे छोटा अमरेश काफी होनहार था। इंटर पास करने के बाद से ही पिछले दो साल से वह सरकारी नौकरी की तैयारी में लगा हुआ था। रोज सुबह उठकर दौड़ की प्रैक्टिस गांव के मैदान में करता था। अग्निवीर और अन्य नियुक्तियों में लगातार दौड़कर नौकरी लेने के प्रयास में लगा था।

अमरेश के घर की माली हालत ठीक नहीं है। पिता धनंजय यादव खेती करते हैं। उसके दो भाई बाहर मजदूरी करते हैं और एक भाई ऑटो चलाता है। अमरेश की मौत की खबर उसके घर वालों को गया के परहिया थाना के माध्यम से मिली।

बड़ा भाई ओमप्रकाश और चाचा मंटू कुमार एमएमसीएच पहुंचे। शव को देखते ही दोनों फफक पड़े। पोस्टमॉर्टम के बाद शव लेकर घर लौटे। इस दौरान चाचा कहा कि भतीजे के सही समय पर इलाज मिलता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। हॉस्पिटल की बदइंतजामी के कारण उसकी मौत हुई।

बिहार के गया जिले के परहिया थानाक्षेत्र के बड़ेला गांव का 19 वर्षीय अमरेश कुमार यादव, रांची के ओरमांझी प्रखंड के राबार गांव का 21 वर्षीय अजय कुमार महतो, छतरपुर निवासी अरुण कुमार और गोड्डा के रूंजी गांव निवासी प्रदीप कुमार (उम्र 25) गया से दौड़ में शामिल होने आए कैंडिडेट ने बताया कि सुबह छह बजे इंट्री कर गए है, पांच घंटे हमें इंतजार कराया गया। 11.45 में दौड़ शुरू हुई। देर से और धूप में दौड़ने से ज्यादा परेशानी हो रही है।

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