राँची दर्पण डेस्क। झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स, राँची में छात्रों समेत कई चिकित्सकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। प्रबंधन ने एक साथ 18 जूनियर और सीनियर्स स्टूडेंट को हॉस्टल से निष्कासित कर दिया है।
प्रबंधन ने यह कार्रवाई बीते 4 सितंबर की देर रात रिम्स के हॉस्टल नंबर-7 और हॉस्टल नंबर-2 के मेडिकल स्टूडेंट्स के बीच जमकर मारपीट हुई थी। जूनियर्स ने सीनियर्स पर रैगिंग के आरोप लगाए थे।
इसके बाद मामला काफी बढ़ गया और बरियातू थाना पुलिस के हस्तक्षेप से 5 सितंबर तब मामले को शांत कराया जा सका।
इसी दिन रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर स्टूडेंट वेलफेयर काउंसिल के डीन डॉ हिरेन बिरुआ को जांच का जिम्मा सौंपा।
कमेटी द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद के निर्देश पर 18 नामित छात्र चिकित्सकों के खिलाफ प्रबंधन ने हॉस्टल से निकालने जैसी कार्रवाई की।
खबरों के मुताबिक स्टूडेंट वेलफेयर के डीन के आदेश पर नामित 18 मेडिकोज और डॉक्टर्स को 3 माह से लेकर 1 साल तक की अवधि के लिए हॉस्टल से निकाला गया है।
आदेश में कहा गया है कि रिम्स के छात्रावास परिसर में घटित घटनाक्रम की पड़ताल के बाद जांच समिति की अनुशंसा और निदेशक द्वारा कार्रवाई का निर्देश दिया गया।
इसके बाद उक्त चिकित्सकों व छात्रों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उनके छात्रावास से नियत समय के लिए निष्कासित किया गया।
जारी आदेश में ही स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि छात्रों के निष्कासन की अवधि में उन्हें छात्रावास संबंधित सुविधाओं जैसे कैंटीन और मेस आदि से वंचित रखा जाए।
साथ ही इस अवधि में इन छात्रों को अपने सहपाठियों के कमरों में भी रहने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें पनाह देने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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