रांची दर्पण डेस्क। नगड़ी थाना क्षेत्र के रिंग रोड में ललगुटवा के पास एक स्कूल बस धू-धू कर जल उठी। आग की लपटें ऐसी थीं कि कुछ ही देर में बस जल गई। गनीमत रही कि बस में शिक्षक व बच्चे नहीं थे।
बताया जा रहा है कि कटहल मोड़ के पास शिक्षकों को उतारने के 10 मिनट बाद हादसा हुआ है। 23 दिन में स्कूल बस में आग की यह दूसरी घटना है।
जानकारी के अनुसार टेंडर हार्ट स्कूल की बस कटहल मोड़ के पास शिक्षकों उताकर आगे बढ़ी ही थी कि डीजल टंकी टूट गई। इससे डीजल गिरने लगा।
करीब 20 मीटर तक टंकी सड़क से टकराती रही। तेल रिसने और घर्षण के कारण आग भभक उठी। कुछ ही देर में आग बस के अंदर तक पहुंच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार चालक व खलासी ने बस रोककर बाहर कूदकर जान बचाई। हालांकि सूचना के बाद नगड़ी थाना की पुलिस, स्कूल प्रबंधन की टीम पहुंची। सूचना पर पहुंचा अग्निशमन दस्ता आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझा सका।
248 स्कूल बसों के परमिट हो चुके हैं फेलः गौरतलब है कि रांची के 517 स्कूल बसों के परमिट जारी किए गए हैं, इनमें दो सौ 48 बसों के परमिट फेल हो चुके हैं।
जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) प्रवीण प्रकाश विभिन्न स्कूल प्रबंधन के लोगों के साथ बैठक कर इसकी जानकारी दे चुके हैं। जिनका परमिट फेल है, उसका नवीकरण कराने का निर्देश भी दिया जा चुका है।
बसों के सभी कागजात वैध रहने पर ही स्कूल बसों का परिचालन करने का प्रबंधन को निर्देश दिया गया है। कागजात सही नहीं होने पर बसों को जब्त करने की बात कही गयी थी।
1:20 बजे निकली थी बसः स्कूल प्रबंधन के अनुसार दिन के 1:20 बजे शिक्षकों को छोड़ने बस निकली थी। डोरंडा, हरमू बाइपास, किशोरगंज, रातू रोड, पिस्कामोड़ होते हुए आखिरी शिक्षक को कटहल मोड़ में उतारा गया।
इसके दस मिनट बाद जब बस ललगुटवा पहुंची। उसी वक्त बस में आग लग गई। बस ललगुटवा होते ही टेंडर हार्ट स्कूल जा रही थी।
सूचना के 40 मिनट बाद पहुंचा अग्निशमन वाहनः आग लगने की वजह से ललगुटवा में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में अग्निशमन विभाग को फोन कर आग लगने की जानकारी दी।
लेकिन पूरे 40 मिनट बीत जाने के बाद दमकल के वाहन मौके पर पहुंचे, तब तक बस पूरी तरह से जल चुकी थी। लोगों का कहना था कि यदि इस तरह की घटना में इतनी देर हो तब तो लोगों की आग से सुरक्षा भगवान भरोसे ही है।
नोटिस के बाद कार्रवाई नहीं करता प्रशासनः 21 अप्रैल को डीटीओ ने बसों की जांच की थी। इसमें 23 में खामियां मिली थीं। इन बसों के संचालक और स्कूलों को प्रशासन ने नोटिस दिया था। लेकिन इसका असर नहीं दिखा और बिना फिटनेस के ही स्कूल बसों का परिचालन किया जा रहा है।