राजनीति

रिकार्ड जनादेश के बाद हेमंत सोरेन को बड़ा झटका, हाजिर होने का आदेश

रांची दर्पण डेस्क। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जमीन घोटाले में जारी समन की अवहेलना मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने व्यक्तिगत पेशी से छूट की याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि हेमंत सोरेन को 4 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होना होगा।

यह मामला उस समय तूल पकड़ा, जब ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ समन जारी करने के बाद उनकी गैरमौजूदगी को लेकर शिकायत दर्ज कराई। ईडी ने 19 फरवरी को एमपी-एमएलए कोर्ट में शिकायतवाद दायर किया था, जिसके बाद 4 मार्च को कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए मुकदमा चलाने का आदेश दिया। ईडी ने अपनी दलील में कहा कि जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े मामले में जांच के दौरान हेमंत सोरेन को 10 बार समन भेजा गया था, लेकिन उन्होंने आठ बार समन की अवहेलना की।

ईडी के अनुसार सोरेन आठवें समन पर 20 जनवरी और 10वें समन पर 31 जनवरी को ईडी के सामने पेश हुए थे। परंतु आठ समनों के बावजूद पेश नहीं होने को ईडी ने कोर्ट के सामने समन की अवमानना करार दिया और इस आधार पर मामला आगे बढ़ा। अब कोर्ट के ताजा आदेश के बाद मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से पेश होना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे उनकी कानूनी चुनौतियां और बढ़ गई हैं।

यह मामला राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो गया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी सुनवाई में दोबारा सीएम पद की शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन किस प्रकार अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हैं।

 

 

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