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रांची छठ घाटों पर अवैध वसूली का खेल, 500 रुपये में प्रति व्रत स्थान बिक रहे

रांची दर्पण डेस्क। महापर्व छठ पूजा की शुरुआत अब बस कुछ ही दिनों में होने वाली है। 25 अक्टूबर को नहाय-खाय से शुरू होकर यह पर्व 28 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा। रांची के नदी-तालाबों पर लाखों व्रतियों की भीड़ उमड़ने की उम्मीद है, लेकिन इस बीच कुछ घाटों पर अवैध तरीके से जगहों की बुकिंग और पैसे की वसूली का खेल शुरू हो गया है।

हालांकि रांची नगर निगम के प्रशासक सुशांत गौरव ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए इंफोर्समेंट टीम को तैनात कर दिया है, ताकि ऐसे तत्वों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा सके। शहर के प्रमुख घाटों की पड़ताल की, जहां अरगोड़ा तालाब पर खुलेआम घाटों की बिक्री हो रही है, जबकि अन्य घाटों पर स्थिति नियंत्रण में है।

बता दें कि छठ पूजा का उत्साह रांची में चरम पर है। शहर के करीब 150 घाटों को सजाया-संवारा जा रहा है। 26 अक्टूबर को खरना, 27 को अस्ताचलगामी सूर्य और 28 को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए व्रती तैयारियां कर रहे हैं। लेकिन इस पवित्र पर्व की आड़ में कुछ लोग अवैध कमाई का जरिया बना रहे हैं।

कई तालाबों पर लोग पेंट से अपना नाम, मोहल्ला और मोबाइल नंबर लिखकर जगह घेर रहे हैं। पूजा समितियों के नाम पर दान के बहाने पैसे वसूले जा रहे हैं। अरगोड़ा तालाब पर यह खेल सबसे ज्यादा उजागर हुआ, जहां एक युवक ने खुद को समिति का सदस्य बताकर घाट बेचने का ऑफर दिया।

रांची से प्रकाशित दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसाक उनके रिपोर्टर की एक युवक से बातचीत में खुलासा हुआ कि पूजा समिति केवल उन व्रतियों को घाट उपलब्ध कराती है, जो पहले पैसा देते हैं। दैनिक भास्कर में प्रकाशित बातचीत का अंश इस प्रकार है:

  • रिपोर्टर: भाई, यहां पूजा समिति का कोई सदस्य मिलेगा? आयोजन की जानकारी लेनी है।
  • युवक: मैं ही हूं। बताइए क्या जानना है। यहां टोकन नंबर मिलेगा। अभी 89 घाटों की बुकिंग हो चुकी है। अगला आपको देंगे। यहां कोई सूप-दउरा नहीं रखेगा।
  • रिपोर्टर: इस बार तालाब में पानी ज्यादा है। सभी घाट नहीं बने हैं, कैसे अर्घ्य देंगे?
  • युवक: पहले से बुकिंग करानी होगी। कितना घाट चाहिए?
  • रिपोर्टर: दो परिवार हैं, दोनों यहीं अर्घ्य देंगे।
  • युवक: एक घाट का 500 रुपये लगेगा। दो का 1000 लेंगे। पैसा देंगे तो अभी बुक कर देंगे।
  • रिपोर्टर: इतनी भीड़ में कैसे पता चलेगा कहां अर्घ्य देंगे?
  • युवक: पैसा कहां जाता है? समिति लेती है। एडवांस दीजिए, कल टोकन दे देंगे। पूजा का खर्च इसी से निकालते हैं।
  • रिपोर्टर: ठीक है, घर पूछकर बताते हैं। कोई मोबाइल नंबर?
  • युवक: 7280911065 पर कॉल कीजिएगा।

दैनिक भास्कर ने आगे लिखा है कि इसके बाद हमने अरगोड़ा तालाब छठ पूजा समिति के अध्यक्ष मुनेश्वर साहू से बात की। उन्होंने पहले पैसा लेने की बात स्वीकारी, लेकिन फिर कहा कि कल आइए। बैरिकेडिंग के बाद पता चलेगा कितने क्षेत्र में छठ होगा। अभी सिर्फ नाम लिख रहे हैं। पैसा कौन मांग रहा है, पता नहीं। हम तो 700 रुपये ले रहे हैं, क्योंकि लाइट की बुकिंग में 1.25 लाख रुपये लग रहे हैं। वैसे कल सुबह आइए, बता देंगे। किसी दूसरे को पैसा मत दीजिएगा।

शहर के अन्य प्रमुख घाटों- चडरी तालाब, कांके डैम और नायक तालाब घाट के पूजा समितियों के सदस्यों ने स्पष्ट कहा कि कोई जगह बुकिंग या पैसा लेने की बाध्यता नहीं है। व्रती कहीं भी अर्घ्य दे सकते हैं। हालांकि, कांके छठ घाट पर जगह की बुकिंग के कुछ संकेत मिले, लेकिन कोई अवैध वसूली नहीं पाई गई। समितियां केवल सफाई और व्यवस्था के लिए सहयोग मांगती हैं, लेकिन जबरन नहीं।

रांची नगर निगम के प्रशासक सुशांत गौरव को घाटों पर घेराबंदी और जगह कब्जाने की शिकायतें मिलने पर तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने इंफोर्समेंट टीम को सभी तालाबों का निरीक्षण करने और अवैध बुकिंग करने वालों पर रोक लगाने का निर्देश दिया। प्रशासक ने कहा कि कोई भी व्यक्ति ऐसा करते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। छठ पूजा सबकी है, इसे व्यापार का माध्यम नहीं बनने देंगे। निगम की टीम अब घाटों पर नजर रखेगी और किसी भी अनियमितता पर तत्काल कार्रवाई करेगी।

नगर निगम छठ घाटों की सफाई में पहले से ही जुटा है। बड़े तालाब साफ हो चुके हैं, लेकिन काली पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन से फिर गंदगी हो सकती है। छोटे घाटों में अभी काम बाकी है। इस साल तालाबों में पानी ज्यादा होने से व्रतियों के लिए खतरा बढ़ गया है। पूजा समितियां अपने स्तर से सफाई करा रही हैं।

उदाहरण के तौर पर, एदलहातू तालाब में काफी व्रती आते हैं, लेकिन यहां उतरते ही 2 फीट आगे 8 फीट गहरा गड्ढा है। पूजन सामग्री चारों ओर बिखरी है। निगम ने सौंदर्यीकरण पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा खर्च किया, लेकिन सीढ़ियां नहीं बनीं और बोल्डर अधर में लटके हैं। समिति यहां सफाई में जुटी है।

इसके अलावा कचरा कलेक्शन सेंटर की सफाई भी तेज की गई है। अपर प्रशासक संजय कुमार ने ट्रैकर स्टैंड एमटीएस में कचरा डंप न करने का निर्देश दिया। महापर्व के तीन दिन पहले से समापन तक यहां कचरा नहीं डाला जाएगा।

बहरहाल छठ पूजा श्रद्धा और समर्पण का पर्व है, लेकिन अवैध वसूली जैसे खेल इसे बदनाम कर रहे हैं। शहरवासियों को सतर्क करने का प्रयास है। अगर आपके इलाके में ऐसी कोई अनियमितता है तो निगम से शिकायत करें। आइए, मिलकर इस महापर्व को सुरक्षित और पवित्र बनाएं।

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