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रजिस्ट्री पत्र का 171 साल पुराना इतिहास समाप्त, स्पीड पोस्ट बना विकल्प

रजिस्ट्री पत्र सेवा का समापन भारतीय डाक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह सेवा, जो कभी हस्तलिखित पत्रों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से गंतव्य तक पहुंचाने का प्रतीक थी, अब स्पीड पोस्ट के आधुनिक स्वरूप में नई ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार है…

रांची दर्पण डेस्क। भारतीय डाक विभाग की ऐतिहासिक रजिस्ट्री पत्र सेवा, जिसने 1854 से शुरू होकर 171 वर्षों तक देश के कोने-कोने में संचार का सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित साधन बनकर अपनी अमिट छाप छोड़ी, अब इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह गई है। 30 सितंबर 2025 को इस सेवा का अंतिम दिन था, जिसने करोड़ों लोगों के पत्रों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस ऐतिहासिक क्षण को यादगार बनाने के लिए रांची प्रधान डाकघर ने एक विशेष ‘Last Day Registered Letter’ तैयार किया, जिसे देशभर के फिलेटलिस्टों (डाक टिकट संग्रहकर्ताओं) और डाक प्रेमियों के लिए भेजा गया। इस पत्र को एक संग्रहणीय धरोहर के रूप में देखा जा रहा है, जो भारतीय डाक के गौरवशाली अतीत की याद दिलाएगा।

बता दें कि 1 अक्टूबर 2025 से रजिस्ट्री पत्र सेवा को पूरी तरह से स्पीड पोस्ट सेवा में समाहित कर दिया गया है। अब ग्राहकों के लिए पंजीकरण (Registration) की सुविधा केवल स्पीड पोस्ट के माध्यम से ही उपलब्ध होगी। इस बदलाव के साथ भारतीय डाक विभाग ने डाक सेवाओं को और अधिक आधुनिक, तेज और ग्राहक-उन्मुख बनाने का प्रयास किया है।

नई स्पीड पोस्ट आधारित पंजीकरण सेवा में कई आधुनिक सुविधाएँ शामिल की गई हैं, जो ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करेंगी।

एकीकृत पंजीकरण: सभी पंजीकृत पत्र अब स्पीड पोस्ट के जरिए ही भेजे जाएँगे, जिससे डिलीवरी तेज और सुरक्षित होगी।

ओटीपी आधारित डिलीवरी: प्राप्तकर्ता को डिलीवरी के समय ओटीपी के माध्यम से सत्यापन की सुविधा मिलेगी।

प्रूफ ऑफ डिलीवरी (POD): डिलीवरी का डिजिटल प्रमाण उपलब्ध होगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।

ऑनलाइन ट्रैकिंग: ग्राहक अपने पत्र की स्थिति को रीयल-टाइम में ट्रैक कर सकेंगे।

बीमा और क्षतिपूर्ति: नुकसान या हानि की स्थिति में बेहतर बीमा और मुआवजे की व्यवस्था।

भारतीय डाक विभाग ने 1 अक्टूबर 2025 से स्पीड पोस्ट की नई दरें भी लागू की हैं। स्थानीय दस्तावेज़ (50 ग्राम तक) के लिए शुल्क अब ₹22.42 (जीएसटी सहित) निर्धारित किया गया है। दूरी के आधार पर शुल्क को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है। 200 किमी तक, 500 किमी तक, 1000 किमी तक और 2000 किमी से अधिक निर्धारित की गई है। विस्तृत दर तालिका भारतीय डाक विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

रांची जीपीओ के वरिष्ठ प्रधान डाकपाल दीवाकर प्रसाद ने कहा कि रजिस्ट्री पोस्ट भारतीय डाक का एक गौरवशाली अध्याय रही है। यह सेवा न केवल संचार का माध्यम थी, बल्कि लोगों की भावनाओं और विश्वास का प्रतीक भी थी। अब स्पीड पोस्ट के रूप में यह सेवा और अधिक आधुनिक, तेज, और समयानुकूल होकर ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करेगी।

वहीं, रांची डाकघर के फिलेटली ब्यूरो प्रभारी संदीप कुमार महतो ने इस अवसर पर कहा कि 30 सितंबर को भेजा गया ‘Last Day Registered Letter’ इस ऐतिहासिक परिवर्तन की स्मृति को हमेशा जीवित रखेगा। यह पत्र न केवल एक युग के अंत का प्रतीक है, बल्कि डाक सेवाओं में आधुनिकता के नए युग की शुरुआत का भी सूचक है।

भारतीय डाक विभाग ने सभी ग्राहकों से अपील की है कि वे नई स्पीड पोस्ट सेवा का अधिक से अधिक उपयोग करें और आधुनिक डाक सुविधाओं का लाभ उठाएं। यह बदलाव न केवल डाक सेवाओं को और अधिक कुशल बनाएगा, बल्कि ग्राहकों को समय के साथ कदम मिलाकर चलने वाली विश्वसनीय सेवाएँ भी प्रदान करेगा।

रजिस्ट्री पत्र सेवा का समापन भारतीय डाक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह सेवा, जो कभी हस्तलिखित पत्रों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से गंतव्य तक पहुंचाने का प्रतीक थी, अब स्पीड पोस्ट के आधुनिक स्वरूप में नई ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार है। डाक प्रेमियों और संग्रहकर्ताओं के लिए ‘Last Day Registered Letter’ एक ऐसी स्मृति है, जो भारतीय डाक के इस सुनहरे अध्याय को हमेशा जीवित रखेगी।

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