रांची दर्पण डेस्क। झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा की बैठक तेतर टोली में किया गया। जिसमें उपस्थित सदस्यों ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद् के द्वारा प्रस्तावित अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आदिवासियों की धार्मिक स्थल सरना की मिट्टी ले जाना मतलब आदिवासियों की आस्था पर हमला करना है।
सदस्यों ने एक सुर में कहा कि किसी भी कीमत पर सरना स्थल की मिट्टी नहीं ले जाने दिया जाए। ये अच्छी बात है कि भव्य राम मंदिर बने, लेकिन किसी के धर्म संस्कृति, किसी की आस्था पर चोट न पहुंचे, ये भी ख्याल रखना है। आदिवासी प्रकृति पूजक है।
बैठक में पाहन, पईन भोरा, कोटवार, प्रबुद्धजनों से आदिवासी भाई बहनों से आहवान किया गया कि विश्व हिन्दू परिषद् के कोई व्यक्ति सरना स्थल की मिट्टी नहीं ले जाए, इसका ध्यान रखें।
आज की बैठक में मुख्य रूप से डॉ करमा उरांव, अंतू तिर्की, निरंजना हेरेंज टोप्पो, संजय तिर्की, एल.एम. उरांव, बलकु उरांव, कृष्णा मुंडा, अनिल पूर्ति, जीवन भुट कुंवर, दिनेश उरांव, भुनेश्वर लोहरा, बीना टोप्पो, अरुण कच्छप आदि लोग उपस्थित थे।