रांची दर्पण डेस्क। रांची के उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी (DC) मंजूनाथ भजंत्री ने राजस्व मामलों में पारदर्शिता और त्वरित निपटारे के लिए एक बेहद सराहनीय निर्देश जारी किया है। अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करते हुए उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों (CO) को स्पष्ट हिदायत दी कि दाखिल-खारिज, दोहरी जमाबंदी सुधार, पंजी-2 में संशोधन तथा अन्य राजस्व संबंधी मामलों में केवल कर्मचारियों की रिपोर्ट पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। बल्कि खुद फील्ड विजिट करके मामलों की हकीकत जांचें और नियमसंगत तरीके से जल्द से जल्द निस्तारण सुनिश्चित करें।
यह निर्देश इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि रांची जिले में लंबे समय से दाखिल-खारिज और जमाबंदी सुधार के हजारों मामले लंबित पड़े हैं, जिससे आम जनता खासकर ग्रामीण इलाकों के लोग परेशान हैं। कई मामलों में कर्मचारियों की लापरवाही या मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं। डीसी का यह कदम न केवल भ्रष्टाचार पर लगाम कसेगा, बल्कि जनता को तेज न्याय भी दिलाएगा।
इस ऑनलाइन समीक्षा बैठक में जिले के सभी अंचलाधिकारी वर्चुअली जुड़े थे। इस दौरान शिकायतों की लाइव अपडेट ली गई। एक खास दाखिल-खारिज मामले में उपसमाहर्ता भूमि सुधार के कोर्ट से आदेश आने के बावजूद देरी होने पर संबंधित अंचलाधिकारी को कड़ी फटकार लगाई गई और तुरंत कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए गए।
डीसी का यह सुंदर निर्देश प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक मजबूत कदम है। लेकिन सवाल यह है कि जमीनी स्तर पर कितने ‘ढीठ सीओ’ इसे गंभीरता से लागू करेंगे? पिछले कुछ महीनों में कई अंचलों में शिविर लगाकर लंबित मामलों का निपटारा तो हुआ, लेकिन फील्ड विजिट की कमी से कई शिकायतें फिर उभर आईं।
उम्मीद है कि इस बार अंचलाधिकारी कुर्सी से उठकर मैदान में उतरेंगे, वरना जनता की नाराजगी और बढ़ेगी। रांची दर्पण इस पर लगातार नजर रखे हुए है। क्या आपके अंचल में यह निर्देश लागू हो रहा है? कमेंट करके जरुर बताएं!









