पीटीआई के रांची ब्यूरो चीफ रामानुजम ने बिछावन की चादर से फंदा बनाया था और जिस कमरे में फंदा लगाकर इस घटना को अंजाम दिया, उसी कमरे से पीटीआई का रांची कार्यालय संचालित होता है। वहीं दो अन्य कमरे में वे अपनी पत्नी के साथ रहते है, जबकि उनके इकलौते पुत्र अभी पढ़ाई के सिलसिले में रांची से बाहर है।
रांची दर्पण डेस्क। पीटीआई के रांची ब्यूरो चीफ 56 वर्षीय पीवी रामानुजम की मौत के मामले में रांची के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक नौशाद आलम ने बताया कि वे बुधवार रात करीब एक बजे सोने की बात कह कर दूसरे कमरे में आये थे।
लेकिन उनकी पत्नी आज सुबह साढ़े पांच बजे जगी तो उन्हें रामानुजम नहीं दिखे और कमरे का दरवाजा भी बाहर से बंद था। धक्का देकर दरवाजा खोला तो रामानुजम को पंखे से लटकता पाया।
नौशाद आलम ने बताया कि सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची लालपुर थाना पुलिस ने शव को फंदे से नीचे उतारा। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा।
एसपी ने बताया कि पीवी रामानुजम के पुत्र ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में रहकर पढ़ाई करते है। पुलिस उसके वहां से रांची सुरक्षित लाने का इंतजाम करेगी और यदि परिवार की ओर से इच्छा जताई गई तो शव को भुवनेश्वर भेजने की भी व्यवस्था की जाएगी।
इस हादसे से आहत रामानुजम की पत्नी ज्यादा बोलने की स्थिति में तो नहीं दिखी लेकिन उन्होंने केवल इतना कहा कि उन पर परिवार का कोई दबाव नहीं था।
इधर, रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक ने रामानुजम की अकेली रह रही पत्नी की सहायता के लिए दो महिला कांस्टेबल की प्रतिनियुक्ति भी उनके आवास पर की है।
एसएसपी के निर्देश पर दोनों महिला पुलिसकर्मी आवास पर पहुंच गयी है। वहीं प्रशासन की ओर से आवास के बाहर पेयजल की भी व्यवस्था की गयी है। लॉकडाउन के बीच खबर सुनते ही उनके जानने वाले और परिचित लोग आवास पर पहुंच रहे हैं।
रामानुजम के एक सहकर्मी के अनुसार उनके पुत्र ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर से अपने अन्य परिजनों के साथ रांची आने की तैयारी कर रहे है। पुत्र और अन्य परिजनों के पहुंचने के बाद ही अंत्येष्टि के संबंध में कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा।
फिलहाल शव के पोस्टमार्टम के पहले कोरोना जांच की प्रक्रिया पूरी की जा रही है और रिपोर्ट आने के बाद पार्थिव शरीर को परिजनों को सौंपा जाएगा।