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हेमंत सरकार पर भड़का रघुवर दास का गुस्सा, कहा- ‘ऐसी निकम्मी सरकार पर धिक्कार’

रांची दर्पण डेस्क | 09 अक्टूबर 2025 | झारखंड के युवाओं का भविष्य फिर एक बार अनिश्चितता की भंवर में फंस गया है। रात के सन्नाटे में चुपचाप जारी हुए एक नोटिस ने हजारों उम्मीदवारों के सपनों पर पानी फेर दिया। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने विज्ञापन संख्या 18/2023 के तहत आयोजित ‘झारखंड तकनीकी/विशिष्ट योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023’ को अचानक स्थगित कर दिया, जो कल यानी 09 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक होनी थी।

यह परीक्षा 492 महत्वपूर्ण सरकारी पदों- जैसे सहायक अभियंता, जूनियर इंजीनियर और अन्य तकनीकी भूमिकाओं के लिए थी, जिनमें युवाओं की नौकरी की आस बंधी हुई थी। लेकिन आयोग के इस फैसले ने न सिर्फ उम्मीदवारों को झकझोर दिया, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुवर दास को भी खुलकर हमला बोलने पर मजबूर कर दिया।

JSSC की आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार यह परीक्षा 09.10.2025 से 16.10.2025 तक प्रस्तावित थी, लेकिन ‘अनियोजित परिस्थितियों’ का हवाला देकर इसे स्थगित कर दिया गया। नया शेड्यूल जल्द घोषित करने का वादा किया गया है, मगर उम्मीदवारों के लिए यह ‘जल्द’ शब्द अब त्रासदी का पर्याय बन चुका है। कल सुबह परीक्षा केंद्रों की ओर रवाना हो चुके सैकड़ों युवा रांची, धनबाद, जमशेदपुर जैसे शहरों में फंस गए।

होटलों में ठहरने का खर्च, यात्रा की थकान और मनोबल का धक्का सब व्यर्थ। सोशल मीडिया पर #JSSCPostponed और #YuvaVirodhHemant जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहां छात्र खून के आंसू रोते नजर आ रहे हैं। एक उम्मीदवार ने लिखा कि हमारी उम्र बढ़ रही है, लेकिन सरकार की लापरवाही कभी नहीं रुकती। क्या हम हमेशा बलि का बकरा बनेंगे?

इस घटना ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा के दिग्गज नेता रघुवर दास, जो झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में ओडिशा के राज्यपाल के पद से सेवानिवृत्त होकर सक्रिय राजनीति में लौटे हैं, उन्होंने अपने एक्स हैंडल @dasraghubar पर एक तीखा पोस्ट साझा किया।

उन्होंने लिखा है, “धिक्कार है झारखंड सरकार पर! रात के अंधेरे में चोरी छिपे अचानक झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की झारखंड तकनीकी/ विशिष्ट योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा को स्थगित कर एक बार फिर छात्रों के साथ धोखाधड़ी की है हेमंत सरकार ने। छात्रों की आयु बढ़ती जा रही है और यह निर्लज्ज सरकार एक परीक्षा भी सही तरीके से नहीं ले पा रही है। झारखंड के युवा इस निक्कमी सरकार को सबक सिखायेंगे।”

दास का यह हमला हेमंत सरकार के लिए करारा तमाचा है। उन्होंने इसे ‘रात के अंधेरे में चोरी’ करार देते हुए सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाए। उनके पोस्ट पर अब तक 200 से अधिक लाइक्स, 78 रीपोस्ट और 31 कमेंट्स आ चुके हैं, जो युवाओं की नाराजगी को दर्शाते हैं। एक यूजर ने कमेंट में लिखा है, “सर, आपकी सरकार में ऐसी गड़बड़ियां नहीं होती थीं। हेमंत जी सिर्फ वादे करते हैं, काम नहीं।”

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब JSSC की परीक्षाओं पर संकट मंडरा रहा है। 2023 में ही इस परीक्षा का विज्ञापन जारी हुआ था, जिसमें 492 रिक्तियां घोषित की गईं। लेकिन कोविड के बाद की देरी, पेपर लीक की अफवाहें और प्रशासनिक अड़चनों ने इसे बार-बार टाला। अप्रैल 2025 में जारी JSSC कैलेंडर में इसकी तारीखें तय की गईं, लेकिन अब फिर स्थगन। राज्य में बेरोजगारी दर 15% से ऊपर होने के बीच यह परीक्षा युवाओं के लिए आखिरी उम्मीद थी।

विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीकी पदों पर भर्ती न होने से राज्य का विकास ठप हो रहा है। सड़कें, बिजली, जल आपूर्ति सब प्रभावित। एक पूर्व JPSC अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “आयोग की कमजोर योजना और राजनीतिक दबाव परीक्षाओं को बंधक बना रहे हैं। उम्मीदवारों की उम्र सीमा 21-35 वर्ष है, लेकिन देरी से कई योग्य युवा बाहर हो जाते हैं।”

रघुवर दास का यह बयान भाजपा की रणनीति का हिस्सा लगता है। वे पहले भी JSSC और JPSC की अनियमितताओं पर राज्यपाल को पत्र लिख चुके हैं। सितंबर 2025 में उन्होंने JSSC परीक्षा पैटर्न पर सरकार के यू-टर्न की आलोचना की थी, जब हेमंत सरकार ने उनकी पुरानी नीति को ही अपनाया। जुलाई में सहायक आचार्य भर्ती में नॉर्मलाइजेशन घोटाले पर भी उन्होंने आवाज बुलंद की। उनका मानना है कि हेमंत सरकार ‘बदले की भावना’ से उनकी अच्छी नीतियों को तोड़-मरोड़ रही है, लेकिन अब खुद उसी रास्ते पर आ रही है।

वहीं, छात्र संगठनों ने रांची में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष ने कहा है कि हम मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि नया शेड्यूल 15 दिनों में घोषित हो, वरना सड़क पर उतरेंगे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में युवा चिल्ला रहे हैं- ‘पेपर लीक हो या स्थगन, हेमंत सरकार का धोखा!’

हेमंत सोरेन सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि आयोग जल्द स्पष्टीकरण जारी कर सकता है। सवाल यह है कि क्या यह स्थगन वाकई ‘अनियोजित’ था या फिर पेपर लीक जैसी बड़ी साजिश का नतीजा?

(रिपोर्ट में प्रयुक्त तथ्य JSSC अधिसूचना, रघुवर दास के एक्स पोस्ट और सोशल मीडिया ट्रेंड्स पर आधारित। अधिक अपडेट के लिए ranchidarpan.com पर बने रहें।)

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