कांके (रांची दर्पण)। झारखंड आंदोलन के मसीहा शहीद निर्मल महतो की 71वीं जयंती करम फाउंडेशन, रांची द्वारा कांके रोड स्थित कट्टर गोंडा के बांग्ला टोली में मनाई गई।
इस अवसर पर शहीद निर्मल दा के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। इसके उपरांत शहीद निर्मल महतो के जीवन यात्रा पर चर्चा की गई एवं उपस्थित बच्चों तथा ग्रामीणों के बीच उनकी जीवनी पर विस्तृत जानकारी दी गई।
जानकारी देते हुए संस्था के अध्यक्ष अरुण महतो ने बताया कि निर्मल महतो ने अपने क्रांतिकारी जीवन की शुरुआत 25 वर्ष की उम्र में की थी,इस दौरान वे छात्र आंदोलन से जुड़े रहे और झारखंड के युवाओं को आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित करते रहे।
1980 में उन्होंने शैलेंद्र महतो के बातों से प्रभावित होकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता ली और झारखंड आंदोलन को धार देने का काम किया।
उन्होंने झारखंड आंदोलन के स्वरूप को सामाजिक राजनीतिक रूप से विस्तार देते हुए हर घर तक पहुंचाया। उन्होंने झारखंड के छात्रों मजदूरों और युवाओं को आंदोलन से जोड़कर आंदोलन को व्यापक रूप से विस्तार किया।
सचिव देव कुमार ने कहा कि ऐसे ही कार्यक्रम से महापुरुषों के पदचिन्हों में चलने की प्रेरणा मिलती है एवं झारखण्ड की मिट्टी की खुशबू आती है।
कार्यकारिणी सदस्य जलेश्वर कुमार महतो ने कहा कि आज निर्मल महतो जी की जीवनी सिलेबस में शामिल करने की आवश्यकता है,उनके बलिदान हेतु सदियों तक उन्हें याद किया जायेगा।
गर्म वस्त्र पाकर झूमे गरीब बच्चेः संस्था द्वारा आसपास के 30 गरीब बच्चों के बीच गर्म कपड़ों का वितरण किया गया। जिससे बच्चों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी एवं जमकर उनलोगों ने शहीद निर्मल महतो अमर रहे का नारा लगाया।
इस कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष अरुण महतो, सचिव देव कुमार, कोषाध्यक्ष पप्पू टोप्पो कार्यकारिणी सदस्य जलेश्वर कुमार महतो, राजेश कुमार, संदीप कुमार, शैलेश कुमार महतो समेत बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण और बच्चे शामिल हुए।
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