रांची दर्पण डेस्क। झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए शुक्रवार को हुए चुनाव में झामुमो के शिबू सोरेन और भाजपा के दीपक प्रकाश ने बाजी मारी। इस चुनाव में कांग्रेस के शहजादा अनवर को हार का सामना करना पड़ा।
शिबू सोरेन और दीपक प्रकाश दोनों पहली वरीयता के मतों से जीते हैं। शिबू को 30 और दीपक प्रकाश को 31 वोट मिले। यह जीत के लिए जरूरी 27 वोटों से अधिक था। इस कारण दूसरी वरीयता के वोटों को गिनने की जरूरत नहीं पड़ी।
शहजादा को मात्र 18 वोट मिले। बता दें कि दोनों सीटें प्रेमचंद गुप्ता व परिमल नथवानी के कार्यकाल पूरे होने के बाद खाली हुई हैं।
शहजादा की हार के साथ ही कांग्रेस को करारा झटका लगा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सरकार में साझीदार कांग्रेस को राज्यसभा में एक सीट बढ़ाने का रिटर्न गिफ्ट नहीं दे पाए।
उधर, कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने की घोषणा करने वाले हुसैनाबाद के एनसीपी विधायक कमलेश सिंह के भाजपा के पक्ष में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
इस चुनाव में राज्य के सभी 79 विधायकों ने वोट डाले। सभी के मत वैध पाए गए। विधानसभा सचिव और राज्यसभा चुनाव के निर्वाची पदाधिकारी महेंद्र प्रसाद ने सवा सात बजे के बाद चुनाव परिणाम की घोषणा कर दोनों विजयी उम्मीदवारों को निर्वाचित होने का प्रमाण-पत्र दिया।
ज्ञात हो कि 81 सदस्यों वाली विधानसभा में दुमका सीट से मुख्यमंत्री के इस्तीफे और बेरमो के कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह के निधन के कारण फिलहाल 79 विधायक ही हैं।
मतगणना पूरी होने के बाद जैसी ही यह खबर फैली की भाजपा उम्मीदवार को 31 मत मिले हैं तो किसी को विश्वास नहीं हुआ। अंकगणित दीपक को मिलने वाले वोटों के तहत 30 से ज्यादा नहीं था।
उसके बाद पालाबदल की संभावना वाले विधायकों के कमजोर नब्ज की चर्चा होने लगी। आखिर में पूर्व मंत्री कमलेश सिंह के पलटी मारने की चर्चा पर मुहर लगाई गई।
फिलहाल झारखंड विधानसभा में झामुमो के 29, भाजपा के 26, कांग्रेस के 15, आजसू के 2, राजद के 1, माले के 1, एनसीपी के 1 के आलावे 4 निर्दलीय विधायक हैं।
झारखंड का सबसे बड़ा आंदोलनकारी शिबू सोरेन उर्फ दिशोम गुरुः
राज्यसभा के लिए दूसरी बार चुने गये शिबू सोरेन शुरू से अलग झारखंड के निर्माण के लिए लड़ते रहे। वर्ष 1969 में शिबू सोरेन ने सोनत सांथाली समाज की स्थापना की।
इसके बाद 04 फरवरी 1973 को उन्होंने शिवाजी समाज के विनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की थी।
शिबू सोरेन झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री रहे हैं। राज्य की राजनीति से बाहर केन्द्र की राजनीति में भी उनका योगदान रहा है। शिबू सोरेन मनमोहन सिंह सरकार में कोयला मंत्री रह चुके हैं।
शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी, सन 1944 को हजारीबाग के नेमरा गांव में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा यहीं हुई। स्कूल की पढ़ाई पूरी करते ही शिबू सोरेन का विवाह हो गया। इसके बाद वे खेती के काम में अपने पिता की मदद करने लगे।
श्री मति रूपी सोरेन उनकी पत्नी हैं। उनके तीन पुत्र दुर्गा, हेमंत और बसंत और एक पुत्री अंजलि हैं। दुर्गा सोरेन की मृत्यु हो चुकी है, जबकि हेमंत सोरेन फिलहाल झारखंड के मुख्यमंत्री हैं।
23 जनवरी, 1975 को जामताड़ा में आदिवासियों का नेतृत्व करते हुए इन्होंने स्थानीय लोगों की लड़ाई लड़ी थी।
दीपक प्रकाश ने विद्यार्थी परिषद से शुरू किया अपना राजनीतिक सफरः
भाजपा की ओर से राज्यसभा के लिए चुने गए दीपक प्रकाश का राजनीतिक सफर लंबा रहा है। वह विद्यार्थी परिषद् के समय से ही राजनीति में हैं। उन्हें जमीन से जुड़े कार्यकर्ता के रूप में माना जाता है। वह भाजपा में विभिन्न पदों पर रहे हैं। मौजूदा में प्रदेश अध्यक्ष के पद पर हैं।
दीपक प्रकाश ने राजनीतिक विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट किया है। वह 1973 में स्वयंसेवक और विद्यार्थी परिषद् से जुड़े। विद्यार्थी परिषद में नगर मंत्री, जिला प्रमुख, विभाग प्रमुख, विवि प्रमुख व राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य रहे।
इसके बाद भाजपा में युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव बने। दो बार युवा मोर्चा में दो बार उपाध्यक्ष बने। उन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया।
नतीजतन, उन्हें प्रदेश में जगह मिली और भाजपा प्रदेश में दो बार सचिव, दो बार उपाध्यक्ष, तीन बार कोर कमिटी सदस्य के रूप में काम किया।