ओरमांझी (राँची दर्पण)। झारखंड प्रदेश ग्राम प्रधान महासंघ के महासचिव रमेश उरांव के नेतृत्व में रांची जिले के बुढ़मू प्रखंड के ग्राम प्रधानों की समस्याओं को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी नम्रता जोशी और अंचल निरीक्षक से सौहार्द पूर्ण से वार्ता हुई।
प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचल अधिकारी ने स्वीकार किया। कि बुढ़मू प्रखंड के ग्राम प्रधानों का ग्राम प्रधान ना लिखकर ग्राम सभा का पद का पत्राचार किया गया है। इस बात लेकर ग्राम प्रधानों में असंतोष एवं भ्रम का स्थिति उत्पन्न हो गया है। ग्राम प्रधानों का मानदेय राशि ₹2000 के जगह ₹1000 रुपए ही मानदेय राशि मिलता है।
बुढ़मू प्रखंड में 77 ग्राम प्रधान है। लेकिन उच्च अधिकारी अपर समाहर्ता को 44 ग्राम प्रधानों का सूची भेजा गया है। बाकी ग्राम प्रधानों का सूची रांची जिला में नहीं भेजा गया है। जिसके कारण मानदेय राशि सभी ग्राम प्रधानों को नहीं मिल पा रहा है।
गलत और समस्याओं को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी बुढ़मू व अंचल निरीक्षक से बातचीत किया गया और कहा गया कि पुनः 77 ग्राम प्रधानों का सूची अपर समाहर्ता को भेजी जाए। जिसमें दोनों पदाधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जो त्रुटि हुई है। उसको सुधार कर अवश्य उच्च अधिकारी के पास ग्राम प्रधान का पद का सूची भेजा जाएगा।
यह भी कहा गया कि परंपरागत ग्राम प्रधान है।और मृत्यु हो जाती है तो उनके स्थान पर प्रधान के परिवार को ही प्राथमिकता दिया जाना चाहिए।
रमेश उरांव ने यह भी कहा कि झारखंड में दो तरह का नियम कानून चल रहा है। अधिसूचित क्षेत्र में ग्राम प्रधानों के अध्यक्षता में ग्राम सभा की बैठक की आयोजन होता है और गैर अधिसूचित क्षेत्र में पंचायत से चुने हुए मुखिया ग्राम सभा की अध्यक्षता करते हैं।
लेकिन वरीय पदाधिकारी इस बात को नहीं समझते ना सुनते हैं और मनमाने तरीके से ग्राम प्रधानों एवं ग्रामीण जनता को परेशान करने के लिए अपना नियम कानून थोप देते हैं। यह सब में पदाधिकारियों को नियम कानून पढ़ कर के सुधार करने की आवश्यकता है।
इस मौके पर मुख्य रूप से झारखंड प्रदेश ग्राम प्रधान महासंघ के महासचिव रमेश उरांव,राम लखन, पहान ग्राम प्रधान अध्यक्ष, बुढ़मू प्रखंड ग्राम प्रधान बलदेव पहान, सुकरा मुंडा, दीपक मुंडा, प्रदीप मुंडा, रोहित मुंडा, रवि पहान, देवराज मुंडा, लालजीत पहान इत्यादि बहुत से ग्राम प्रधान इत्यादि उपस्थित थे।