Sunday, December 3, 2023
अन्य

    इस नग्नता पर नारी संगठनों को लज्जा क्यों नहीं आती !

    52
    26” अन्ना हजारे जी को सपोर्ट के बहाने टोपलेश होनेवाली अभिनेत्री 18“योगिता” के कदम को कितना जायज माना जाना चाहिए ? और कहाँ गई वो ” नारी संघटन ” जो हर बार नारी पर होते अत्याचार की ही बात करती है ? क्या इसे अश्लीलता भरा अंगप्रदशन कहा जाये या फिर अन्ना हजारे के नाम पर भारत की आन,बान,शानतिरंगेका अपमान ..या फिर सस्ती पब्लिसिटी कहा जाये ..बात चाहे जो भी हो मग़र एक बात साफ़ होती है की ” नारी संघटन “को पूनम पांडेके न्यूड होने पर या फिर मन्दिरा बेदी “के न्यूड होने के साथ साथ अपने सरीर पर “ॐ” लगवाकर तस्वीरे खिंचवाने पर भी ” अश्लीलता दिखाई नहीं दे रही है ?… क्या आज नारी संघटन अँधा हो गया है ? या फिर सिर्फ नाम का रहे गया है ” नारी संघटन ” ? ” ” भारत सरकार अश्लील विज्ञापन पर जब रोक लगा रही है उसी वक़्त भारत की नारीजिस संस्कृति के लिए जानी जा रही है ..उसलाज , शर्मको सरेआम बाजार में लीलाम कर रही है | “ …नारी संघटन को नारी पर होते अत्याचार दिख रहे है मग़र नारी के द्वारा दिखाई जाती अश्लीलता नहीं ..आज अगर ऐसा ही कार्य किसी पुरुष ने किया होता तो ..नारी संघटन जमकर विरोध के साथ कड़ी कार्यवाही की मांग भी करती मग़र आज ..वही नारी संघटन “किसी नारी के द्वारा अपने खुले जिस्म पर “तिरंगा ” लगाकर तस्वीरे खिंचवाने पर चुप है | ” 
    42” बात यहाँ सिर्फ अंगप्रदशन की ही नहीं है मग़र आज “नारी संघटन” को फिर से सोचना पड़ेगा की ” आखिर ऐसी क्या बात है ..जिसकी वजह से भारत की नारी अपना सच्चा गहेना ” अपना जिस्म ” दिखाने को राजी हो जाती है ? …एक नारी के द्वारा ऐसी हरकत पर नारी संघटन को ठोस कदम उठाने ही चाहिए ..कही ऐसा ना हो की ” नारी संघटन” की चुप्पी ये साबित ना कर दे की आज की नारी खुद खिलौना बन गई है ? ..अब वक़्त आ गया है की ऐसे नारी संघटन फिर से एक बार सोचे की आखिर देश की इज्ज़त और नारी के सच्चे गहने को कैसे बचाया जाये
    (www.eksachai.blogspot.com से साभार)
    - Advertisment -

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    - Advertisment -
    संबंधित खबरें
    - Advertisment -
    - Advertisment -

    एक नजर

    - Advertisment -
    error: Content is protected !!